आपके बैडरूम के लिए महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स

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वास्तु समग्र खुशिओं के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आपके बैडरूम की रचना और स्थानन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस पर प्रभाव डालते है l वास्तु वास्तव में एक पवित्र विज्ञान है जो की आपको तनावमुक्त जीवन जीने में सहायता करता है l शयनकक्ष ऐसी जगह है जहा पुरे दिन की थकान के बाद व्यक्ति निद्रा लेता है, तो यह वास्तव में जरुरी है कि इसे वास्तु विशेषताओं से परिचित कराया जाये l जिस दिशा में आप सो रहे है या शयनकक्ष की दिशा, परिवार के सदस्यो के अनुसार अत्यंत सावधानी के साथ ठीक से लिया जाना चाहिए l

शयनकक्ष की बारीकियों की दिशा

परिवार का मुखिया- दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण में शयनकक्ष
अविवाहित बच्चे- पूर्व में शयनकक्ष
युवा दंपत्ति-उत्तर में शयनकक्ष

शयनकक्ष के वास्तु के लिए ध्यान रखने योग्य बाते

  • अपने शयनकक्ष में किसी भी प्रकार की दिव्य मूर्ति न रखें, आपका पूजा स्थल उसके लिए श्रेष्ठ स्थान है l
  • दक्षिण दीवार में कोई भी दर्पण न लगाएं क्योंकि ये बच्चो में झुंझलाहट उत्पन्न करता है l
  • सुनिश्चित करें की शयनकक्ष के दरवाज़े कोई भी चर्चाराती हुई आवाज़ न उत्पन्न करें l
  • शयनकक्ष को गंवई रंगों से जैसे बादामी रंग या कोई नियमित भूरे रंगों से पेंट करने की कोशिश करें l
  • नवविवाहित जोड़ो के लिए किसी भी संगमरमर के पत्थरो का प्रयोग न करें l
  • बच्चो के कमरे में बेड दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें, जिससे कि बच्चे का शीर्ष पूर्व या दक्षिण दिशा में रहे l
  • विद्युत् उपकरणों जैसे हीटर और टी.वी. को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें l
  • इस बात का अवश्य ध्यान रखें के आपका कोई भी शारीरिक अंग शयनकक्ष के दर्पण में नज़र न आये, अन्यथा यह चिकित्सिक समस्या उत्पन्न कर सकता है l
  • नकदी लॉकर को दक्षिण की दीवार पर लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है और यह केवल उत्तर दिशा की ओर ही खुलना चाहिए I
  • शयनकक्ष के दक्षिण-पश्चिम कोण में अलमारी, शेल्व्स और वस्त्रगार को स्थापित करें I
  • स्नानघर बेड के सामने नहीं होना चाहिए और हमेशा बंद रहना चाहिए I
  • किसी भी कोण में किसी भी प्रकार के बेड संरेखण से बचें I
  • शयनकक्ष का मुख्य प्रवेश द्वार हमेशा पूर्वोत्तर कोण पर होना चाहिए I
  • यह सलाह दी गयी है कि पूरी रात्रि लाइट को चालू करके सोना चाहिए, क्योंकि पूर्ण अंधकार वाला कक्ष जीवन में बहुत नकारात्मकता ला सकता है I
  • प्रातः काल में बेड से निकलते समय दाहिना चरण फर्श पर रखे I
  • अपने शयनकक्ष के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोण में पुस्तक शेल्फ को रखें I
  • दक्षिण दिशा की ओर अपना शीर्ष करके सोये जिससे कि आपके पैर उत्तर दिशा की ओर आजायेंगे I
  • लोहे के बेड से बचें इसके स्थान पर आभा लाने के लिए लकड़ी के बेड को चुने I

कौन सी दिशा से बचें?

अपने शयनकक्ष के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा से बचें क्योंकि यह ज्वाला का केंद्र है और विभिन्न विवाद का कारन बन सकता है I यदि आपके बच्चे इस दिशा में रह रहे है तो वे पढाई पर ध्यान केंद्रित करने में असक्षम रहेंगे I यह दंपत्ति में भी विभिन्न विवाद उत्पन्न कर सकता है I इसके अलावा, उत्तर-पूर्व दिशा से भी बचें क्योंकि यह आराधना करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है I यदि आपको आपके घर के लिए वास्तु से सम्बंधित कोई भी संदेह है, तो आप 9555966666 पर हमारे वास्तु विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते है l

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