लक्ष्मी पूजा दिवाली त्यौहार की सबसे महत्वपूर्ण व शुभ भागो में से एक मानी जाती है I भक्त अपने घरों में माँ लक्ष्मी का स्वागत करते हैं I पूजा किसी भी उत्सव की शह से पहले किया जाता है और भक्त अपने प्रियजनों के अच्छे स्वास्थ्य, धन व ख़ुशी के लिए प्रार्थना करते हैं l माँ लक्ष्मी धन की देवी हैं और यह वास्तव में महत्त्वपूर्ण है कि उनकी पूजा सही विधि द्वारा की जाए l देवी जितनी खुश होंगी वह अपना आशीर्वाद आप पर अनुदान करेंगी l पूजाशॉप्पी आप के लिए लक्ष्मी पूजा के लिए पूजा स्थल से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्यो को आपके समक्ष रखते हुए संपूर्ण पूजा विधि मंत्र और आरती के साथ प्रस्तुत करते हैं l
लक्ष्मी पूजा के लिए पूजा स्थल तैयार करते हुए ध्यान रखने हेतु महत्त्वपूर्ण बाते :-
१. आपका घर हर कोने से साफ़ होना चाहिए
२. स्नान कर साफ़ वस्र धारण करें
३. जहाँ आप पूजा करने की योजना बना रहे है वहां सभी दिवाली की वस्तुओ को रखें
४. दिवाली पूजा करते हुए पूर्व दिशा का प्रयोग करें
५. आयातकार आकार की चौकी को लाल कपडे से ढकें
६. एक मुट्ठी अनाज भरकर चौकी के बीच में रखे
७. एक कलश में ३/४ पानी और कुछ चावल के दाने और सुपारी रखे
८. कलश में पांच आम के पत्ते रखे और उन्हें परिपत्र डिजाईन में व्यवस्थित करे
९. कलश पर एक छोटी थाली रखें और चावल से एक छोटा पहाड़ तैयार करे
१०. कलश के बायीं ओर और चौकी के ऊपर माँ लक्ष्मी का चित्र लगाए
११. कलश के दायीं ओर गणेश जी का चित्र लगाए
१२. चौकी के दोनों ओर दिया प्रज्वलित करे
१३. चौकी के दोनों ओर अगरबत्ती लगाए
१४. जल से भरा हुआ कलश अपने बायीं और रखे
१५. केला और प्रसाद को एक तरफ रखे
१६. पान के पत्ते, सिक्के, हल्दी पाउडर, चंदन और कुमकुम के साथ एक थाली तैयार करे
१७. एक कप चावल और हल्दी पाउडर के मिश्रण से अक्षत तैयार करे I इसे अच्छे से मिलाये और जल की कुछ बूंदे छिड़के I इस अक्षत को एक पात्र में रखें और थाली में रख दें l
१८. माँ लक्ष्मी के चित्र के समक्ष लक्ष्मी के सिक्के, लक्ष्मी व गणेश की प्रतिमा रखें
१९. पूजा के दौरान महिला सदस्यो को पुरुष सदस्यो के दायीं ओर बैठना चाहिय
पूजा विधि
उपरोक्त बताये गए तरीके के अनुसार पूजा स्थल को तैयार करें एवं पूजा विधि शुरू करें
१. पूजा शुरू करने के लिए दिया प्रज्वलित करे, यह दिया पूरी रात्रि प्रज्वलित रहना चाहिए
२. दोनों कलश को तिलक लगा कर पूजा की शुरुआत करें
३. भगवान् गणेश से प्रार्थना कर अपने जीवन के सभी दुखो को दूर करने की प्रार्थना करे
४. भगवन गणेश को तैयार किये हुए अक्षत से तिलक कर उन्हें फूल, धूप व मिठाई अर्पण करें
५. गणेश जी की आरती शुरू करें
६. लक्ष्मी पूजा की शुरुआत करते हुए लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर रोली और चावल का तिलक करें
७. देवी को धूप, फूल, मिठाई व दीपक अर्पण करें I इसके पश्चात कमल के फूल के बीज, सुपारी, नोट, चांदी के सिक्के, सूखी हल्दी, कपास के बीज और धनिया के बीज अर्पण करें
८. लक्ष्मी जी की आरती शुरू करें
९. अब भगवान् विष्णु से प्रार्थना करें के वो लक्ष्मी जी के साथ आपके घर आएं
१०. भगवान् विष्णु को फूल, मिठाई, धूप, फल और दीपक अर्पण करें
११. विष्णु जी की आरती शुरू करें
१२. अब भगवान् कुबेर जी से प्रार्थना करें के वो भगवान् विष्णु व माँ लक्ष्मी जी के साथ आपके घर पधारे
१३. भगवान् कुबेर को फूल, धूप व मिठाई अर्पण करें
१४. कुबेर जी आरती शुरू करें
दिवाली पूजा के लिए मंत्र
”ॐ सर्वे भयो गुरु भयो नमः
ॐ सर्वे भयो देवे भयो नमः
ॐ सर्वे भयो ब्रह्माने भयो नमः
प्रारंभ कार्यम निर्विघ्नमस्तु
सुभम सोभानमस्तु
सतः देवता कुलदेवता सुप्रसन्न वरदः भवतुः
अनुजनाम देहि ”
आरती श्री लक्ष्मी जी की
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निसदिन सेवत, हरी विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
दुर्गा रूप निरंजिनी, सुख संपत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत,रिद्धि – सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल निवासिनी,तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता
जिस घर में तुम रहती,सब सदगुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता
शुभ गन मंदिर सुन्दर, शिरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता
महलक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता