गुरुवार पूजा – महत्व, रस्में व लाभ

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हिंदू धर्म में हर दिन एक विशिष्ट देवता को समर्पित किया गया है और इसी तरह गुरुवार भगवान् विष्णु या बृहस्पति के लिए समर्पित है l बृहस्पति या जुपिटर का सौर मंडल में मुख्य स्थान है और सूर्य के बाद इसकी निष्ठावान स्थिति है।यह ब्राह्मण के गुरु के रूप में जाना जाता है l गुरूवार को की जाने वाली पूजा से भक्तो को अच्छा स्वास्थ्य, धन, सफलता और अच्छे जीवनसाथी का लाभ प्राप्त होता है l

महत्व

गुरुवार भगवान् बृहस्पति या जुपिटर गृह के लिए समर्पित किया गया है l सौर मंडल में अपना दृढ़ ठिकाना होने के कारण यह गुरुवार के रूप में जाना जाता है l भगवान् बृहस्पति परोपकार और ज्ञान का प्रतिनिधित्व करते है l इस दिन प्रार्थना करने को वास्तव में शुभ व मंगल माना जाता है I यदि आपके कोई भी प्रयास प्रतिफल नही दे रहे है तो आपको निश्चित रूप से इस दिन पूजा करनी चाहिए l

इस दिन पीले रंग महत्व

सौर मंडल में बृहस्पति की प्रगाढ़ स्थिति के कारण, वह प्रकाश के रूप में जाने जाते है जैसे की प्रकाश पीली किरणों से धार्मिक श्रद्धा का निरूपण करता है इस तरह पीला रंग गुरुवार से जुड़ा हुआ है l पीला रंग सकारात्मकता, शक्ति और जीवन में सफलता के साथ संबद्ध है I भगवान् विष्णु पीले वस्त्र धारण करते है और जुपिटर गृह भी सोने और तांबे की तरह पीले रंग धातुओ के साथ जुड़ा हुआ है I भगवान् बृहस्पति पीली मिठाई से आसानी से प्रभावित हो जाते है और उनका रथ पीले रंग के आठ घोड़ो पर ज़ोर देता है I इसलिए, पीले रंग के वस्त्र पहनने का अनुग्रह किया गया है I पूजा के पश्चात भगवान् विष्णु को पीली मिठाई, पीले फल और पीले फूलो को अर्पित करना चाहिए I

पूजा प्रक्रिया

बृहस्पति की पूजा करने के लिए गुरुवार का दिन शुभ है क्योंकि यह भगवान् बृहस्पति का प्रिय दिन है I पूरे दिन उपवास रखे और दिन में केवल एक ही बार खाये वो भी सूर्यास्त के पश्चात I इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठे और पीले वस्त्र धारण करें I इस दिन केशो को ना धोए और पीला रंग धारण करें I

1. स्नान करे और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें I
2. गुरुवार को केले के वृक्ष को जल चढ़ाये I
3. हल्दी पाउडर पेस्ट को केले के वृक्ष पर लगाएं I
4. केले के वृक्ष को चना दाल या कोई पीली खाद्य वस्तु चढ़ाये I
5. एक स्वच्छ वस्त्र के ऊपर भगवान् विष्णु या बृहस्पति की प्रतिमा रखें I
6. प्रतिमा पर हल्दी पाउडर का पेस्ट लगाएं I
7. प्रभु को चना दाल या रंग में पीली कोई भी वास्तु का भोग लगाएं I
8. बृहस्पति की आरती करें ( नीचे वर्णित है )
9. पूजा के पश्चात पूर्व दिशा की और मुख कर कथा पढ़े I
10. उपवास रखें I उपवास के दौरान आप चाय और फलो का आहार कर सकते है I
11. यदि आप यात्रा कर रहे है तो उपवास से बचें I

गुरुवार को पूजा करने के लाभ

  1. अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है I
  2. व्यापार और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होना I
  3. एक अच्छा जीवनसाथी प्राप्त करने में सहायता I
  4. पापों का निराकरण
  5. विशेष रूप से पेट के रोगों का इलाज I
  6. दीर्घ जीवन और शक्ति I

बृहस्पति व्रत आरती

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा I
छिन छिन भोग लगाऊँ फल मेवा II ॐ II
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी I
जगत पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी II ॐ II
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हरता I
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता II ॐ II
तन मन अर्पण कर जो जन शरण पड़े I
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े II ॐ II
दीन दयाल दया निधि, भक्तन हितकारी I
पाप दोष सब हर्ता, भाव बंधन हार II ॐ II
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो I
विषय विकार मिटाओ संतन सुखकारी II ॐ II
जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावै I
जेष्टानंद बंद सो सो निष्चय पावे II ॐ II

सब बोलो विष्णु भगवान् की जय I
सब बोलो बृहस्पति भगवान् की जय I

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