वास्तु बच्चो के कक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह आपके बच्चे के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए सुनिश्चित वातावरण में योगदान प्रदान करने में सहायता करता है I बुरा वास्तु जीवन के हर क्षेत्र में एक बच्चे की प्रगति को प्रभावित कर सकता है और बच्चे को ज़िद्दी व शैतान बना सकता है I वास्तु जब ठीक से किया गया हो तो वह आपके बच्चे को आज्ञाकारी व प्रगतिशील में परिवर्तित कर सकता है I
बच्चो के कक्ष के लिए वास्तु करते समय क्या विचार करे ?
- कक्ष का रंग
- दूरभाष की दिशा व स्थानन
- ऑडियो सिस्टम, कूलर,ऐ.सी और टी.वी. की दिशा व स्थानन
- ड्रैसिंग टेबल की दिशा व स्थानन
- अलमारी की दिशा व स्थानन
- अध्ययन मेज़ की दिशा व स्थानन
- बेड की दिशा व स्थानन
- खिड़कियों की दिशा व स्थानन
- दरवाज़ों की दिशा व स्थानन
- शयनकक्ष का सही स्थानन
बच्चे के कमरे के लिए वास्तु करने के लाभ
- सभी नकारात्मक ऊर्जा को निकालता है I
- स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है I
- पढाई में बेहतर एकाग्रता I
- अच्छे अंक व परिणाम I
- बच्चो को तीव्र व सक्रिय रखता है I
- रात्रि के समय बेहतर निंद्रा I
- उन्हें प्रगतिशील रखें I
- उन्हें भविष्य के लिए आशावादी बनाते है I
अपने बच्चे के लिए वास्तु करते समय याद रखने योग्य कुछ बाते
- हरे रंग को चुने क्योंकि यह शांति के साथ जुड़ा हुआ है और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को प्रोत्साहित करता है I
- कक्ष के पूर्व दिशा में दरवाज़े लगाये, बेड के बिलकुल विपरीत दिशा में और खिड़कियां उसके विपरीत होनी चाहिए I
- स्पॉट लाइट या तेज़ प्रकाश का उपयोग न करें क्योंकि यह मानसिक तनाव पैदा करता है I
- आनंदित वातावरण बनाने के लिए ” लाफिंग बुद्धा ” को रखें I
- ऊपर की ओर केंद्रित लाइट का उपयोग करें और कक्ष में सकारात्मकता को उभारने के लिए इसे दक्षिण-पूर्व कोण में स्थापित करें I
- कैबिनेट और अलमारी को कक्ष के दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें I
- कक्ष के मध्य में कुछ भी न रखें I इसे खाली रहने दें I
- बच्चो का कक्ष पूजा स्थान के सामने नही होना चाहिए I
- अपने बच्चो को किरण के प्रत्यक्ष अनावरण में न सोने दें, क्योंकि यह इसमें प्रवाहित उच्च तनाव को प्रसारित करती है I
- बेड के विपरीत टी.वी. या कंप्यूटर को न रखें क्योंकि ये भी दर्पण की तरह प्रतिबिंबित होते है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है I
- पढ़ते समय बच्चो का मुख पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, तो अध्ययन मेज़ को उसी अनुसार स्थित करें I
- फर्नीचर और दीवार के बीच कुछ दूरी रखे क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को उभारने में सहायता करता है I
- निंद्रा के समय आपके बच्चे को उसका शीर्ष दक्षिण दिशा में रखना चाहिए, तो बेड को दक्षिण-पश्चिम के कोण में रखें I
- बच्चे का कक्ष पश्चिम दिशा में निर्मित कराएं, हालांकि आप दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम दिशा को भी चुन सकते है I परंतु, किसी भी कीमत पर दक्षिण-पश्चिम दिशा से बचें I
- उत्तर और पूर्व दिशा में कुछ खली जगह रखें I
- उनको पढाई पर बेहतर ध्यान देने में सहायता के लिए अध्ययन क्षेत्र में अव्यवस्था से बचें I
यदि आपको इन वास्तु टिप्स से सम्बंधित कोई संदेह है तो आप हमारे संपर्क में आ सकते है और हमारे वास्तु विशेषज्ञ की सहायता ले सकते है या 9555966666 पर संपर्क कर सकते है I